नारियल
खोपड़ी कोयला उद्योग
हरित प्रौद्योगिकी
की ओर बढ़ रहा है:
संगोष्ठी में
सुस्थिर नवाचारों
पर प्रकाश डाला
गया
Coconut
Shell Charcoal Industry Moves Towards Green Technology:
Seminar Highlights Sustainable Innovations
सुस्थिरता
की ओर महत्वपूर्ण
कदम उठाते हुए
नारियल खोपड़ी
कोयले उद्योग ने
हरित प्रौद्योगिकी
को अपनाया है, जो
पर्यावरण के अनुकूल
उत्पादन के एक
नए युग की शुरुआत
है। नारियल विकास
बोर्ड (नाविबो)
ने 3 अक्तूबर 2024 को
तमिलनाडु कृषि
विश्वविद्यालय, कोयंबत्तूर
के गोल्डन जुबली
हॉल में "नारियल
खोपड़ी कोयला उत्पादन
में हरित प्रौद्योगिकी
की संभावनाएँ"
विषय पर संगोष्ठी
आयोजित की। इस
कार्यक्रम में
नारियल खोपड़ी
कोयला और सक्रियित
कार्बन के 100 से अधिक
निर्माता एक साथ
आए, जो सभी अपनी
उत्पादन प्रक्रियाओं
में सुस्थिर प्रौद्योगिकियों
को अपनाने के लिए
उत्सुक हैं। नारियल
विकास बोर्ड के
अध्यक्ष श्री सुबा
नागराजन द्वारा
उद्घाटन किए गए
इस संगोष्ठी ने
विशेषज्ञों और
उद्योग के नेताओं
को नारियल खोपड़ी
कोयला उद्योग के
भविष्य पर परिचर्चा
करने हेतु मंच
प्रदान किया। अपने मुख्य
भाषण में मुख्य
नारियल विकास अधिकारी
डा. बी. हनुमंते
गौडा इस क्षेत्र
में हरित प्रौद्योगिकियों
की तत्काल आवश्यकता
पर बल दिया। इस कार्यक्रम
में अग्रणी शोध
संस्थानों के सहयोग
से विकसित कई अत्याधुनिक,
पर्यावरण-अनुकूल
नवाचारों का प्रदर्शन
किया गया, जो उद्योग
के हरित भविष्य
की ओर बदलाव का
संकेत देते हैं।
तमिलनाडु प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड
(टीएनपीसीबी) के
संयुक्त मुख्य
पर्यावरण इंजीनियर
डा.के.रविचंद्रन
ने अन्ना विश्वविद्यालय
द्वारा प्रमाणित
उन्नत गड्ढा प्रौद्योगिकी
प्रस्तुत की, जो
कोयला के लिए स्वच्छ
उत्पादन विधि प्रदान
करती है। इसके
अलावा, जैकोबी
कार्बन के प्रबंध
निदेशक श्री थोमस
आन्टणी ने आईआईटी
चेन्नई के सहयोग
से विकसित रोटरी
भट्टी प्रौद्योगिकी
की शुरुआत की, जो
सुस्थिर उत्पादन
को अधिक बढ़ाती
है। ऑर्गेनिक रिसाइक्लिंग
सिस्टम्स के डा.मंजू
तंवर और श्री श्रीकांत
वेंकटेशन ने कोचीन
विज्ञान व प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय
(कुसाट) द्वारा
प्रमाणित अपनी
पर्यावरण अनुकूल
प्रौद्योगिकी
प्रस्तुत की, जो
अधिक कुशल रिसाइक्लिंग
प्रक्रियाओं का
प्रदर्शन करती
है। संगोष्ठी का
मुख्य आकर्षण ग्रीन
फाइनेंस अवसरों
पर प्रस्तुति थी,
जिसे सिड्बी (SIDBI)
के सहायक महाप्रबंधक
श्री परमशिवम ने
की, जिसमें हरित
प्रौद्योगिकियों
को अपनाने वाले
निर्माताओं के
लिए वित्तपोषण
विकल्पों की रूपरेखा
बताई गई। इस पहल
का उद्देश्य लाभप्रदता
को बढ़ाते हुए
कोयला उत्पादन
के पर्यावरणीय
प्रभाव को कम करना
है।
संगोष्ठी
के दौरान नारियल
विकास बोर्ड ने
हरित उपक्रमों
के लिए कुल परियोजना
लागत का 25%
परियोजना-आधारित
वित्तीय सहायता
की पेशकश करके
सुस्थिर विकास
के लिए अपनी प्रतिबद्धता
दोहराई। यह समर्थन
नारियल खोपड़ी
कोयला उद्योग में
स्वच्छ तकनीक के
अभिग्रहण को प्रोत्साहित
करने के लिए बनाया
गया है, जो वैश्विक
पर्यावरणीय लक्ष्यों
और चक्रीय अर्थव्यवस्था
के सिद्धांतों
के साथ संरेखित
है। इस कार्यक्रम
का समापन उन लोगों
की टिप्पणियों
के साथ हुआ जिन्होंने
पर्यावरणीय सुस्थिरता
के लिए उद्योग
के समर्पण की सराहना
की और हरित उत्पादन
प्रथाओं के लिए
सामूहिक प्रयास
का आह्वान किया
। नारियल विकास
बोर्ड के निदेशक
श्री अरवाड़ी ने
स्वागत भाषण दिया
और नाविबो की निदेशक
(विपणन) श्रीमती
दीप्ति नायर एस
ने धन्यवाद ज्ञापित
किया। इस
संगोष्ठी ने उद्योग
के हितधारकों,
अनुसंधान संस्थानों
और वित्तीय संस्थानों
के बीच सहयोग को
सफलतापूर्वक बढ़ावा
दिया तथा नारियल खोपड़ी कोयला
उत्पादन में हरित
प्रौद्योगिकी
को व्यापक रूप
से अपनाने के लिए
रोडमैप तैयार किया।
यह कदम अधिक सुस्थिर,
पर्यावरण अनुकूल
भविष्य की ओर उद्योग
की यात्रा में
एक महत्वपूर्ण
मील का पत्थर है।
In a significant move towards sustainability, the coconut shell charcoal industry is embracing green technology, marking a new era of eco-friendly production. The Coconut Development Board (CDB) organized a seminar on "Prospects for Green Technology in Coconut Shell Charcoal Production" on 3rd October 2024 at the Golden Jubilee Hall, Tamil Nadu Agricultural University (TNAU), Coimbatore. The event brought together over 100 manufacturers of coconut shell charcoal and activated carbon, all eager to adopt sustainable technologies in their production processes. The seminar, inaugurated by Shri Suba Nagarajan, Chairman of the Coconut Development Board, provided a platform for experts and industry leaders to discuss the future of the coconut shell charcoal industry. In his keynote address, Dr.B. Hanumantha Gowda, Chief Coconut Development Officer, emphasized the urgent need for green technologies in the sector. The event showcased several cutting-edge, eco-friendly innovations developed in collaboration with leading research institutions, signaling the industry's shift towards a greener future. Dr.K. Ravichandran, Joint Chief Environmental Engineer of the Tamil Nadu Pollution Control Board (TNPCB), presented the elevated pit technology, validated by Anna University, which offers a cleaner production method for charcoal. In addition, Mr.Thomas Antony, Managing Director of Jacobi Carbon, introduced the rotary kiln technology developed in collaboration with IIT Chennai, further enhancing sustainable production. Dr.Manju Tanwar and Mr.Srikanth Venkateshan from Organic Recycling Systems also presented their eco-friendly technology, validated by the Cochin University of Science and Technology (CUSAT), demonstrating more efficient recycling processes. A highlight of the seminar was the presentation on Green Finance opportunities, delivered by Mr.Paramasivam, Assistant General Manager of SIDBI, outlining financing options for manufacturers transitioning to green technologies. This initiative aims to reduce the environmental footprint of charcoal production while enhancing profitability.
During the seminar,
the Coconut Development Board reiterated its commitment to sustainable
development by offering project-based financial assistance of 25% of the total
project cost for green ventures. This support is designed to encourage the
adoption of clean technology in the coconut shell charcoal industry, aligning
with global environmental goals and the principles of the circular economy. The
event concluded with remarks from who commended the industry’s dedication to
environmental sustainability and called for a collective effort towards greener
production practices. Shri.Aravazhi, Director, Coconut Development Board,
delivered the welcome address and Smt.Deepthi Nair S, Director, Marketing, CDB
proposed vote of thanks. The seminar successfully fostered collaboration among industry
stakeholders, research institutions, and financial institutions, creating a
roadmap for the widespread adoption of green technology in coconut shell
charcoal production. This shift represents a key milestone in the industry's
journey towards a more sustainable, eco-friendly future.
Brief on Green
technologies presented in CDB Seminar at TNAU - October 2024
Presentations:
1.
Modernized Elevated Charcoal Pit Technology for Charcoal production by TNPCB
2. Clean Tech Carbonization with
Green Power Technology by Jacobi Carbons.
3. Sanjeevak Carbonization Systems
(SCS) presentation